
- संवादाता रविराज भाटी
झकनावदा, पेटलावद:
ग्राम पंचायत झकनावदा आज उस मोड़ पर खड़ी है जहाँ एक आम नागरिक की पुकार सुनने वाला कोई नहीं है। पंचायत व्यवस्था पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। फर्जी बिलों की भरमार है, योजनाओं की राशि सिर्फ कागजों पर खर्च हो रही है, और जमीनी स्तर पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण की योजना तो कागजों पर पूरी हो चुकी है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पुल का कहीं नामो-निशान तक नहीं है। इसी पुल की अनुपस्थिति में एक मासूम बालक की जान जा चुकी है।
एक ओर जहां विकास कार्य भ्रष्टाचार में बह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गरीब ग्रामीणों को उनकी वैध दुकानें तक नहीं मिल रही हैं। आरोप है कि एक पंचायत के पंच ने गांव के गरीब व्यक्ति से पैसे लेकर उसकी दुकान ही हड़प ली और आज तक न तो दुकान सौंपी गई, न ही पैसे लौटाए गए।
सवाल यह है कि जब पंचायत सचिव से पूछा जाता है तो उनका सीधा जवाब होता है – “मैं क्या कर सकता हूँ, जैसा ऊपर से आदेश मिलेगा वैसा ही होगा।”
ऐसे में जनता अब सवाल पूछ रही है कि आखिर ये “ऊपर” वाले कौन हैं जो जनता की पुकार अनसुनी कर रहे हैं? अधिकारी मौन हैं, शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा और ग्रामवासियों की उम्मीदें अब टूट रही हैं।
मुख्यमंत्री से सीधा सवाल – कब होगी कार्रवाई?
ग्रामीणों की सीधी मांग है कि अब इस पंचायत में व्यापक स्तर पर जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री से यह भी सवाल है कि कब तक गरीब जनता भ्रष्टाचार की बलि चढ़ती रहेगी और कब तक उनकी पुकार यूं ही दबाई जाती रहेगी?